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जिनकी खुद की गारंटी नहीं वो आज आम जनता को गारंटी दे रहे हैं, क्या कांग्रेस ने छतीसगढ़- राजस्थान में इन्हें लागू किया है- भारद्वाज

एप्पल न्यूज़, शिमला

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जिनकी खुद की गारंटी नहीं वो आज आम जनता को गारंटी दे रहे हैं। वह भी बाहरी राज्यों के आए हुए नेता, जिन्होंने खुद अपने राज्य में इन गारंटियों को लागू नही किया।
उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस गरीबो को लाभ देने की बात कर रही है जबकि इन्होंने देश को काफी पहले ही गरीब मुक्त कर दिया था। कांग्रेस ने यदि अपने शासन में काम किया होता तो आज गरीबों के नाम पर गारंटी की बात न करते।


पेंशन कांग्रेस शासित राज्यों राजस्थान और छतीसगढ़ में भी नहीं दे पाए तो हिमाचल में झूठे आश्वासन क्योदे रहे है।
महिलाओं को 1500 रुपये देने की बात कर रहे हैं। किसने की थी कर्ज का बोझ लड़नर की प्रथा शुरू। वह कांग्रेस ही थी। 9वें वित्तयोग के समय अध्यक्ष कांग्रेस के ही बड़े नेता थे जिन्होंने 90:10 की रेशो में मिलने वाली राशि को बंद कर दिया था और कर्ज लेना शुरू किया गया। जिसका खामियाजा आज भी जनता को भुगतना पड़ रहा है। तो क्या महिला होने के नाते प्रतिभा सिंह को भी 1500 रुपये दिए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट भी मुफ्त की रेवड़ियां बांटने वालों पर सख्त है तो फिर हिमाचल में महिलाओं का अपमान क्यों।

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा जिस पार्टी में उनके कार्यकर्ताओ को भरोसा ना हो जनता को उनकी गारंटियों पर क्या भरोसा होगा। 

भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सभी गारंटिया हवा हवाई है और जिन नेताओं ने इन घोषणाओं को घोषित किया है उनके प्रदेशों में सरकार की हालत खस्ता है।

जनता की मसीहा बनने का झूठा प्रयास कर रही है कांग्रेस, जिस पार्टी के नेता स्कूटर पर सेब ढोते थे वो बागवानी का क्या भला करेंगे।

सुरेश ने कहा कि अटल जी की सरकार के द्वारा राष्ट्र हित में जो न्यू पेंशन स्कीम को लागू किया गया था, उसको तत्कालीन वीरभद्र सरकार ने भी सहर्ष स्वीकारित प्रदान की, पर आज वो ही काँग्रेस के नेता इस पर सवाल उठा रहे हैं। क्या इसको यह समझ जाए की कॉंग्रेसी नेता स्व श्री वीरभद्र सिंह जी के निर्णय पर सवाल उठा रहे हैं?  

काँग्रेस ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी कर्मचारियों से ऐसा वादा किया था, पर सच्चाई तो यह है की कांग्रेस ने गैर जिम्मेदाराना तरीके से बिना किसी ब्लू प्रिंट के ये निर्णय लिया। PFRDA ने जब पैसा वापस देने से इंकार कर दिया उसके बाद भी ये निर्णय दर्शाता है कि अर्थव्यवस्था की स्थिति पर विचार नहीं हुआ और ये धूल झोंकने जैसा है। 

इनके नेताओं में ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर एक राय ही नहीं, अग्निहोत्री बोल रहे हैं दिल्ली कटोरा लेकर नहीं जाएंगे और दूसरी तरफ भूपेश बघेल जी कह रहे है दिल्ली से अपना हक लेकर आएंगे।

काँग्रेस के नेता राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी केवल वोट की चाह में जनता से ऐसा झूठा वादा कर चुके हैं। दोनों राज्यों में सरकारी कर्मचारी सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

आर्थिक मोर्चे पर दोनों राज्यों की हालात खराब है,केंद्र सरकार के अनुदान पर इन राज्यों की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है, अनुदान पर निर्भर दोनों राज्यों में ओल्ड पेंशन स्कीम का लागू होना राज्य को दिवालिया बना देगा।  

आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान राज्य शीर्ष 5 सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जो कई मानकों पर विफल साबित हुआ है। 

हमारे सम्पन्न प्रदेश का हाल भी ये अपने राज्यों जैसा ना कर दें।

काँग्रेस यह बताएं की ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए फंड कहाँ से लेकर आएगी?

उन्होंने कहा देश में 70 साल राज करने वाली काँग्रेस को अब प्रदेश की महिलाओं की याद आई। काँग्रेस भी आम आदमी पार्टी की तरफ केवल वादों तक सीमित है। 

काँग्रेस ने देश को सिर्फ नारे और वादे ही दिए हैं, कांग्रेस वर्तमान में छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सत्ता में है, क्यों इन राज्यों में इस योजना को लागू नहीं किया गया? हिमाचल प्रदेश की महिलाओं के स्वाभिमान और सम्मान का काँग्रेस ने घोर अपमान किया है।

2021 में पूरे देश में सबसे अधिक रेप के मामले 6337 राजस्थान में दर्ज हुए हैं? “लड़की हूँ लड़ सकती हूँ” का नारा देने वाली प्रियंका गांधी क्यों अपनी सरकार से सवाल नहीं पूछती? 

गुड़िया कांड को प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने छोटी- मोटी घटना बताया। 

काँग्रेस के नेता श्री विक्रमादित्य सिंह भाजपा की अनुसूचित जाति महिला नेता श्रीमती शशि बाला के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं, यह दिखाता है कांग्रेस नेताओं का नारियों के प्रति सम्मान।   

कांग्रेस ने बार-बार हिमाचल प्रदेश की महिलाओं का अपमान किया है और महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रति काँग्रेस कभी भी गंभीर नही हो सकती। 

कांग्रेस को पता होना चाहिए कि हिमाचल प्रदेश शिक्षित लोगों का राज्य है, जो इस तरह के रेवडि़यों के बहकावे में नहीं आएंगे। 

पहली बार देश में एक आदिवासी महिला को राष्ट्र के सर्वोच्च पद पर आसीन किया गया। अन्यथा कांग्रेस को लगता है कि महिला सशक्तिकरण का मतलब सिर्फ “एक परिवार” की महिलाओं का सशक्तिकरण है।

बीजेपी सरकार जितनी बजट की क्षमता है, उस अनुसार जनता को 125 यूनिट मुफ़्त बिजली देने का काम रही है। 

काँग्रेस की कई राज्यों में सत्ता में है पर वहाँ काँग्रेस ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की क्यों?छत्तीसगढ़ तो ऊर्जा प्रदेश है तो वहाँ क्यों नहीं भूपेश बघेल फ्री में जनता को बिजली दे देते? 

काँग्रेस में एकता का उदाहरण इसी बात से पता चलता है, की एक तरफ श्री विक्रमादित्य सिंह फ्रीबी संस्कृति के खिलाफ बोलते हैं, दूसरी तरफ उनके नेता हैं 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा करते हैं।  

संजय ने कहा काँग्रेस ने छत्तीसगढ़ में भी युवाओं को 5 लाख रोजगार देने की हवा में बात करते हैं, पर सच्चाई यह है की सरकार के पास खुद कितने रोजगार दिए यह डाटा तक नहीं है। 

राजस्थान में युवा नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन करने को मजबूर है, CMIE के अनुसार, राजस्थान में सबसे अधिक बेरोजगारी दर है।

भ्रष्टाचार का पर्याय है काँग्रेस, देवभूमि हिमाचल का हाल भी अन्य काँग्रेस शासित प्रदेशों जैसा कर देगी।

मंत्री ने कहा काँग्रेस आज बागवान हितैषी होने का दमभर रही है, क्यों अपनी सरकार (2012 से 2017) के दौरान सेब पर एमएसपी केवल 1.5 रुपये बढ़ाया? जबकि हमारी सरकार के 2017 से 2022 के कार्यकाल में सेब पर एमएसपी 3.5 रुपये बढ़ाया गया है।

भाजपा सरकार ने 1980 के दशक में हिमाचल प्रदेश की पहली फल प्रसंस्करण इकाई को भाजपा सरकार ने ही चालू किया था।

शिमला जिला राजा जी का गढ़ माना जाता था, लेकिन वह शिमला में एक भी फल प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने में विफल रहे। 

कांग्रेस द्वारा की गई घोषणा बागवानों को गुमराह करने के लिए है,  हिमाचल प्रदेश में अधिकांश सेब निजी खरीदारों द्वारा खरीदे जाते हैं, जिन पर सरकार का नियंत्रण नहीं है।

सरकार बनने के 10 दिन के भीतर किसानों के ऋण माफ करने का जो वादा काँग्रेस ने राजस्थान में किया था, उसे आज तक पूरा नहीं किया। 

तत्कालीन कॉंग्रेस सरकार के दौरान भ्रष्टाचार व्याप्त रहा, वीरभद्र सरकार के दौरान स्कूटर से सेब ढोने का घोटाला तो प्रदेश की जनता अभी भी नहीं भूली है।  

काँग्रेस सरकार के लिए किसान केवल एक वोट बैंक हैं,  पर हमारी नजर में किसान और बागवान कर्मवीर हैं, जिनके कंधों पर राज्य के विकास की गति का भार है। 

हमारी सरकार ने सेब कार्टन में जीएसटी को कम किया पर कॉंग्रेसियों ने किसानों के एक धड़े को  बरगलाने का काम किया, सेब बागवानों का आंदोलन भी काँग्रेस की ही देंन है।

पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रदेश के 9.70 लाख से अधिक किसानों को 1532.38 करोड़ रूपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में प्रदान की है। 

हमारे किसानों को खेती के लिए पर्याप्त जल मिल सके इसको लेकर हमारी सरकार ने सिंचाई, जलापूर्ति और स्वच्छता के लिए बजट आवंटन में 41% वृद्धि की, जो बजट आवंटन कांग्रेस सरकार के तहत 11,798.28 करोड़ रुपये का था, उसे भाजपा सरकार ने बढ़ाकर 16,735.98 करोड़ रुपये कर दिया। इसके द्वारा भाजपा सरकार ने कृषि और सम्बंधित क्षेत्रों में सुधार के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया है।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उद्देश्य हर खेत तक पानी पहुंचाने का है, इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश में  356.72 करोड़ रूपये की लागत से 14,513.75 हेक्टेयर भूमि सिंचित की गयी है, जिससे प्रदेश के 46,559 किसान लाभान्वित हुए है।

2013-14 से 2017-18 तक कांग्रेस शासन के दौरान, कृषि के लिए आवंटित कुल बजट मात्र 1,819.82 करोड़ रुपये था जिसे राज्य में भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान बजट को 40.65% बढ़ाकर 2,559.62 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। 

बागवानी के लिए आवंटित कुल बजट कांग्रेस सरकार में 1,037.16 करोड़ रुपये था, जिसे 85.27% बढ़ाकर 1,921.57 करोड़ रुपये किया गया। भाजपा सरकार ने हमेशा जय जवान, जय किसान के नारे को सिद्धांत मान कर कार्य किया है, और आगे भी हमारी सरकार इसी राह पर निरंतर आगे बढ़ने के लिए तत्पर है।

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