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कुल्लू दशहरा उत्सव में 7500 महिलाओं ने “महानाटी” के माध्यम से विश्व को दिया कुल्लवी संस्कृति का संदेश, समझाया मतदान का भी महत्व

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ भी रहा मैगा नाटी का थीम
एप्पल न्यूज़, कुल्लू

कुल्लू के ऐतिहासिक रथ मैदान का मंजर शुक्रवार को हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करने वाला था जहां जिला की 7500 महिलाएं पारंपरिक परिधानों में गीत संगीत और वाद्य यंत्रों की स्वरलहरियों के बीच महानाटी का प्रदर्शन कर रही थी।

बता दें कि दशहरा महापर्व में महानाटी की यह परंपरा वर्ष 2015 से आरंभ हुई जब 9900 महिलाओं ने एक साथ मैगा नाटी करके लिमका बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवाकर तथा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड प्रमाण पत्र प्राप्त करके एक इतिहास रच दिया था और कुल्लू की अप्रतिम संस्कृति को विश्व पटल पर पहचान दिलाकर जिला व प्रदेश को गौरवान्ति किया।

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महानाटी में जिला के दूरवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों से लेकर हर हिस्से से महिलाएं अपने पारम्परिक परिधानों मैरून व काले रंग के पट्टू व चांदी के आभूषणों में सुसज्जित होकर समूहों में रथ मैदान पहंुची। देसी व विदेशी सैलानियों सहित हर कोई इस नजारे को अपने मोबाईल और कैमरों में कैद करते नजर आएं। कुल्लवी गानों व वाद्य यंत्रों की धुनों पर महानाटी करीब एक घण्टे तक अनवर्त चली। व्यवस्था इस प्रकार से की गई थी जहां एक-एक महिला और नाटी का एक-एक कदम स्पष्ट दिखाई दे रहा था। ऐसा लग रहा था मानों हजारों महिलाओं ने महीनों तक इसका अभ्यास किया हो। यही विशेषता है कुल्लवी नाटी की जहां कदम एक साथ चलते हैं और नृत्य में भी किसी प्रकार की भिन्नता नजर नहीं आती।


भारतीय निर्वाचन आयोग की टीम विशेषतौर पर स्वीप यानि सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता के थीम पर आधारित इस मैगा नाटी में आमंत्रित की गई थी। इनमें भारतीय निर्वाचन आयोग के सचिव अमित कुमार, ए.एस.ओ. हितेष कुमार व स्वीप समन्वयक आर.के. सिंह महानाटी के गवाह बने।

सचिव ने महानाटी का हरी झण्डी दिखाकर श्रीगणेश किया। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ तथा समाज को नशामुक्त बनाओ भी महानाटी के थीम थे। हजारों गुव्बारें छोड़े गए स्वीप का लोगो वाला बड़ा वैलून लगातार हवा में लहराता रहा। महिलाओं ने महानाटी के समय थीम पर आधारित नारों की पट्टिकाएं भी अपने हाथों में ली थी, जिन्हें वे हवा में लहराती नजर आई।
निर्वाचन आयोग के इन अधिकारियों ने स्वीप की एम्बेसडर आंचल ठाकुर, डिक्की डोलमा व राधा से भी मुलाकात की और मतदाता शिक्षा में उनके योगदान की सराहना की।
शिक्षा व भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर बंजार के विधायक सुरेन्द्र शौरी सहित महानाटी में पहुंचे और महानाटी में शामिल भी हुए। उन्होंने जिलाभर से आई महिलाओं का अपनी संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिये आभार प्रकट किया।

उन्होंने कहा कि यह गौरव की बात है कि जिला की महिलाएं अपनी समृद्ध संस्कृति को बचाने के लिये निरंतर प्रयास कर रही हैं और भावी पीढ़ियों को भी एक सकारात्मक संदेश देने की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी भी भूमिका को निभा रही हैं।
       क्या कहते हैं डीसी आशुतोष गर्ग
उपायुक्त आशुतोष गर्ग जो इस महानाटी के प्रणेता व सूत्रधार बने, ने कहा कि दशहरा में महानाटी की परंपरा को कायम रखने के उद्देश्य से दशहरा समिति ने बहुत दिन पहले ही यह निर्णय लिया था कि महानाटी में अधिक से अधिक महिलाओं की भागीदारी हो।

जिला के सभी भागों से महिलाओं को आमंत्रित किया जाए। इसके लिये खण्ड विकास अधिकारियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, महिला मण्डलों व स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियांे का सहयोग लिया गया।

उन्होंने कहा कि महानाटी का उद्देश्य जिला की समृद्ध संस्कृति को भावी पीढ़ियों तक पहंुचाने के साथ-साथ देश विदेश में इसका प्रचार प्रसार करना तथा समाज को अनेक महत्वपूर्ण अभियानों के बारे में शिक्षित करना भी है।
आशुतोष गर्ग ने कहा कि महानाटी-2022 का थीम स्वीप तथा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ व नशामुक्त भारत बनाओ रखा गया था। महिलाओं ने इसका बखूबी संदेश भी दिया। उपायुक्त ने जिला की तमाम नारी शक्ति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज को बुराईयों से दूर रखने में महिलाओं की बड़ी भूमिका है और महिलाएं सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर भाग लेती हैं।

उपायुक्त की यह सोच थी कि इस बार महानाटी का एक नया रिकार्ड स्थापित किया जाए, लेकिन दशहरा उत्सव के चलते शहर में इतनी बड़ा स्थान उपलब्ध नहीं था जहां 10 से 12 हजार महिलाएं सुविधापूर्वक नाटी कर सके।


     सुनयना शर्मा की भी रही बड़ी भूमिका
जिला पर्यटन एवं विकास अधिकारी सुनयना शर्मा की महानाटी के आयोजन में बहुत बड़ी भूमिका रही। वह पहले दिन से ही अपने इस दायित्व में जुट गई थी और इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को रथ मैदान तक पहुंचाने में अपना भरपूर योगदान किया।

रथ मैदान में महानाटी के लिये सुव्यवस्थित तीन अलग अलग सर्कल बनाए गए ताकि महिलाओं को अपने सर्कल से बाहर न जाना पड़े और नाटी का अनुशासन बना रहे।


    क्या कहती है अंतरराष्ट्रीय स्कीयर आंचल ठाकुर
अंतरराष्ट्रीय स्कीयर स्वर्ण पदक विजेता और स्वीप की ब्राण्ड एम्बेसडर आंचल ठाकुर ने कहा कि महानाटी के माध्यम से समाज को अनेक प्रकार के संदेश देने का मातृशक्ति ने बड़ा काम किया है।

उन्होंने कहा कि आज यह देखकर खुशी होती है कि बेटियां समाज के प्रत्येक क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित कर रही हैं। हम निश्चित तौर पर एक विकसित समाज की ओर बढ़ रहे हैं जहां बेटियों को उपयुक्त अवसर प्रदान किये जा रहे हैं।

उन्होंने युवाओं का आहवान किया कि वे अपने फोटोयुक्त पहचान पत्र अवश्य बनवाएं और मतदान करके लोकतंत्र को मजबूत करने में अपना योगदान करें।

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