एप्पल न्यूज़, शिमला
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर ‘हटेगी फुलणू, लौटेगी चरागाह’ अभियान का शुभारम्भ किया।
इस अभियान का उद्देश्य लोगों को वनों की आग की रोकथाम और लैंटाना प्रभावित क्षेत्रों में पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के बारे में जागरूक करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों की आग न केवल वन सम्पदा बल्कि क्षेत्र की जैव विविधता, वातावरण और पारिस्थितिकी को प्रभावित करता है।
उन्होंने कहा कि गर्मियों में सूखे के दौरान वन चीड़ की पत्तियों और सूखे घास-फूस से भर जाते हैं। उन्होंने कहा कि वनों में आग के कारण न सिर्फ वन सम्पदा प्रभावित होती है बल्कि भूमि की उर्वरता के साथ-साथ जल स्त्रोतों को भी नुकसान पहुंचाता है।
मुख्यमंत्री ने वन संपदा संरक्षण और हानिकारक खरपतवार को जड़ से उखाड़ने के संबंध में लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। आठ दिनों तक चलने वाला यह अभियान 28 मार्च को संपन्न होगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वनों के संरक्षण में जन जागरूकता के महत्व पर बल देते हुए कहा कि वन राज्य के लिए बहुमूल्य सम्पत्ति है और हर वर्ष गर्मियों के दौरान वनों में आग की घटनाएं बढ़ जाती हैं जिससे करोड़ों की वन संपदा और अन्य जीव-जंतुओं का नुकसान होता है।
उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से इसे रोकने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जंगल की आग से पारिस्थितिकी तंत्र और अर्थव्यवस्था दोनों पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने लोगों से इस अभियान को सफल बनाने के लिए वन विभाग को पूर्ण सहयोग देने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लैंटाना खरपतवार विशेष तौर पर राज्य के निचले क्षेत्रों में पारिस्थितिकी तंत्र को बुरी तरह प्रभावित करता है और इसमें लोगों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लैंटाना कृषि तथा वन भूमि दोनों के लिए ही हानिकारक है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लैंटाना उन्मूलन पर पोस्टर और वनों में आग पर एक पुस्तिका भी जारी की।
प्रधान मुख्य वन अरण्यपाल (एचओएफएफ) राजीव कुमार ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और अभियान की गतिविधियों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की।
उन्होंने कहा कि आठ दिनों के इस अभियान के दौरान प्रचार टीम पारिस्थितिकी बहाली के अंतर्गत 48 केंद्रों तक पहुंच कर लोगों को जागरूक करेगी। इन वाहनों में लोगों को वनों में आग से निपटने के प्रति जागरूकता सामग्री उपलब्ध होगी।
मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक हरीश जनारथा, हिमाचल प्रदेश वन निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा, कैम्पा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नागेश कुमार सहित अन्य गणमान्य व वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।