एप्पल न्यूज़, शिमला
खुशहाली और संपन्नता का पर्व बैसाखी राजधानी शिमला में बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। राजधानी के सभी गुरुद्वारों को दुल्हन की तरह सजाया गया था।
325 वां खालसा पंथ का सिरजना दिवस के उपलक्ष्य पर सिख समुदाय के लोगों ने गुरुद्वारा में जाकर माथा टेका।
बैसाखी के इस शुभ अवसर पर गुरुद्वारों में विशेष कीर्तन सत्संग और लंगर का आयोजन किया गया।
बैसाखी पर्व पर राजधानी के बस स्टेंड स्थित गुरुद्वारा साहिब में कीर्तन पाठ किया गया, जिसमें बाहरी राज्यों के रागी जत्थों ने कीर्तन और अरदास की।
सिक्खों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने इसी दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी जिसके कारण इस त्योहार की महत्ता ,गरिमा और बढ़ जाती है।
गुरुद्वारा सिंह सभा शिमला के अध्यक्ष जसविंदर सिंह ने देशवासियों को वैसाखी की बधाई देते हुए कहा कि सुबह से सिंह सभा गुरुद्वारा साहिब शिमला में बैसाखी पर्व के अवसर पर गुरू ग्रंथ साहिब का पाठ किया गया और पूरे दिन कीर्तन सत्संग चलता रहा।
गुरु सिंह सभा सदर बाज़ार डलहौजी द्वारा बैसाखी व खालसा साजना पर्व धूमधाम से मनाया गया । बैसाखी पर्व पर कीर्तन दरबार सजाया जिसमें रागी जत्थों ने शबद-कीर्तन कर संगत को निहाल किया , गुरु का अटूट लंगर बरताया गया। इस दौरान लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
सभी ने एक-दूसरे को बैसाखी की शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर विभिन्न समुदाय के लोगों ने गुरुद्वारा में मत्था टेकने के साथ गुरु का अटूट लंगर भी छका।
इस दौरान कांग्रेस की पूर्व शिक्षा मंत्री आशा कुमारी ,गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान परमजीत सिंह ,वाइज प्रेसिडेंट तलविंदर सिंह, सेक्टरी जगदीप अरोरा आदि मौजूद रहे ।
गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान परमजीत सिंह ने बैसाखी की बधाई देते हुए कहा गुरु सिंह सभा सदर बाजार डलहौजी द्वारा हर साल की तरह इस साल भी बैसाखी व खालसा साजना पर्व धूमधाम से मनाया गया।
उन्होंने कहा डलहोजी की संगत में बहुत ज्यादा उत्साह है चाहे परभात फेरी हो या गुरपूर्व हो सभी बढ़ चढ़ कर भाग लेते है।