*एक औरत अपने परिवार के सदस्यों के लिए रोज़ाना भोजन पकाती थी और एक रोटी वह वहाँ से गुजरने वाले किसी भी भूखे के लिए पकाती थी..।* *वह उस रोटी को खिड़की के सहारे रख दिया करती थी, जिसे कोई भी ले सकता था..।* *एक कुबड़ा व्यक्ति रोज़ उस रोटी […]
रूह गद गद हो गई रे दातया दर्शन कर के तेरे:-शांति लाहुल स्पीति सन्त निरंकारी मिशन हर वर्ष दिल्ली स्थित बुराड़ी रोड में अपना वार्षिक समागम मनाता आ रहा है।जिस में देश विदेश के लाखों लाख निरंकारी महापुरुष हिस्सा लेते है।इस बार भी सत्तरवें सन्त समागम को निरंकारी मिशन के […]