एप्पल न्यूज, शिमला
पार्टी को “धोखा” देकर विपक्ष का साथ देकर “सरकार गिरने के षड़यंत्र” करने वालों को अब पैंशन भत्तों से ताउम्र हाथ धोना पड़ेगा। यदि विधानसभा अध्यक्ष किसी भी विधायक को “अयोग्य करार” दे देते हैं तो उनको उस कार्यकाल की पेंशन और भत्ते नहीं मिलेंगे।
यदि उन्होंने इस दौरान कोई लाभ लिया होगा तो उसकी रिकवरी की जाएगी। इसका सीधा असर हाल ही में कांग्रेस के 6 विधायकों द्वारा व्हिप जारी करने के बाद भी सदन के भीतर कांग्रेस सरकार का सहयोग न कर विपक्षी भाजपा के साथ मिलकर सरकार गिरने का षड्यंत्र करने वाले 6 विधायकों पर होगा जिनकी अब “पेंशन बंद” हो जायेगी। इस बाबत आज विधानसभा में ध्वनिमत से संशोधन विधेयक पारित किया गया।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के सातवें दिन आज एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए दलबदल करने वाले अपने छह पूर्व विधायकों की पैंशन को ही खत्म कर दिया गया है।
इनमें से दो विधायक चैतन्य शर्मा और देवेंद्र भुट्टो की पेंशन पूरी तरह ही बंद हो गई है, जबकि चार अन्य विधायकों सुधीर शर्मा, इंद्रदत्त लखनपाल, राजेंद्र राणा और रवि ठाकुर को बीते कार्यकाल की पेंशन नहीं मिलेगी जबकि उनके पिछली विधानसभा के कार्यकाल की पेंशन जारी रहेगी।
सदन में ही आज विधानसभा सदस्यों के वेतन और भत्तों को लेकर लाए गए इस संशोधन विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए विधायक राकेश जम्वाल, रणधीर शर्मा, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार, आशीष शर्मा इस संशोधन का विरोध किया और मामले को सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की।
https://www.facebook.com/share/v/mUhBePQEnBTHz82p/?mibextid=qi2Omg देखें मुख्यमंत्री का बयान
वहीं, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और सीपीएस संजय अवस्थी ने संशोधन का समर्थन किया और कहा कि इस संशोधन से दलबदल पर और सख्ती से रोक लगाई जा सकेगी।
मुख्यमंत्री ने चर्चा का उत्तर दिया और कहा कि एक्ट में संशोधन द्वेषभावना से नहीं लाया है, बल्कि स्वच्छ राजनीति के लिए लाया है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है होना चाहिए कि जिन्हे जनता ने किसी पार्टी के निशान पर 5 साल के लिए मत देकर भेजा हो वह अपने मतलब और पैसों के लालच में विपक्षी दल के साथ मिल जाए और अपनी ही पार्टी को धोखा दे। ऐसे सदस्यों को सबक सीखने के लिए ये संशोधन किया गया है।
उन्होंने कहा कि इसमें ये संशोधन किया है कि 10वीं अनुसूची के तहत दलबदल कानून के मुताबिक जो विधायक अयोग्य घोषित होगा, उसे पेंशन नहीं मिलेगी।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक नैतिकता के लिए यह संशोधन किया गया है और इसलिए इस संशोधन को पास किया जाए। चर्चा के उत्तर के बाद यह संशोधन विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया।