एप्पल न्यूज़ शिमला
कोविड-19 टीकाकरण के प्रथम चरण में राज्य में प्रथम पंक्ति के योद्धाओं को 93 हजार खुराकें दी जाएंगी। इसमें राज्य, केंद्र सरकार और सशस्त्र बलों के स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता शामिल होंगे, इसके लिए 46 स्थलों का चयन किया गया है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने राज्य के जिलों के उपायुक्तों के साथ कोविड-19 टीकाकरण की तैयारियों और बर्ड फ्लू निगरानी की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण को प्रभावी रूप से कार्यान्वित करने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यसचिव की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय संचालन समिति, सचिव स्वास्थ्य की अध्यक्षता में राज्य टास्क फोर्स, जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स और खंड स्तर पर उपमंडलाधिकारी की अध्यक्षता में खंड टास्क फोर्स का गठन किया है।
उन्होंने कहा कि राज्य वेक्सिनेशन स्टोर शिमला में स्थापित किया गया है, जबकि धर्मशाला और मंडी में क्षेत्रीय वैक्सीन स्टोर स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी 12 जिलों में जिला वैक्सीन स्टोर स्थापित किए गए हैं। चिकित्सा महाविद्यालयों, खंड स्तर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी 371 स्टोर बनाए गए हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रत्येक लाॅंच साइट के लिए वैक्सीन के 10 प्रतिशत अपव्यय के साथ संभावित वैक्सीन आवंटन की गणना की जाएगी। उन्होंने कहा कि एक बार खोली गई वैक्सीन की शीशी का उपयोग चार घंटे के भीतर ही करना होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान आवंटन में फस्र्ट इन फस्र्ट आउट के साथ लाभार्थी के लिए द्वितीय डोज़ सुरक्षित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य ने लाभार्थियों के अनुसार एडी सिरिंज पर्याप्त मात्रा में प्राप्त की हैं और उन्हें जिलों को वितरित कर दिया गया है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए 0.5 मिली लीटर एडी सिरिंजों का अतिरिक्त भंडारण राज्य वैक्सीन स्टोर परिमहल शिमला तथा क्षेत्रीय वैक्सीन स्टोर मंडी व धर्मशाला में किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण के लिए राज्य मुख्यालय में 2 जनवरी, 2021 को, जिला मुख्यालयों में 8 जनवरी को और 11 जनवरी को पूर्ण राज्य में ड्राई रन के तीन चरण आयोजित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि रैफरल तंत्र स्थापित करने और और कोविन ऐप पर रिपोर्ट के लिए सैशन साइट वैक्सिनेटरों को प्रतिकूल घटना अनुगामी प्रबंधन प्रशिक्षण दिया गया है।
उन्होंने कहा कि एईएफआई मामलों की आकस्मिकता आंकलन के लिए पलमोनोलाॅजिस्ट और मेडिसिन विशेषज्ञों के अतिरिक्त सदस्यों के साथ राज्य और जिला स्तर पर एईएफआई समितियां अधिसूचित की गई हैं। प्रवक्ताओं की कार्यशाला 13 जनवरी को आयोजित की जाएगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि इस टीकाकरण से संबंधित जानकारी सूचना, शिक्षा एवं संचार सामग्री तैयार कर पंचायत स्तर पर उपलब्ध करवाई जानी चाहिए, ताकि लोगों को इस टीकाकरण से संबंधित जानकारी के बारे जागरूक किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों के साथ बर्ड फ्लू की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने उपायुक्तों को जलाशयों के किनारों की कड़ी निगरानी करने और मृत पक्षियों का समुचित निपटारा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बर्ड फ्लू के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने अन्य राज्यों से पोल्ट्री उत्पाद लाने पर रोक लगाई है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव निशा सिंह ने मुख्यमंत्री को प्रदेश में बर्ड फ्लू के कारण उत्पन्न स्थिति से अवगत करवाते हुए बताया कि प्रदेश में बर्ड फ्लू के मामलों में कमी आई है।
एनआरएचएम के प्रबन्ध निदेशक डाॅ. निपुण जिन्दल ने प्रदेश में कोविड टीकाकरण पर प्रस्तुति दी।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डाॅ. राम लाल मारकण्डा, मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव आर.डी. धीमान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, सचिव स्वास्थ्य अमिताभ अवस्थी और अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।