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हिमाचल चुनाव- कुल मतदान 75.6% में EVM से पड़े 74.6% वोट- दून में सर्वाधिक 85.25% सबसे कम शिमला शहरी में 62.53%- मनीष गर्ग

एप्पल न्यूज़, शिमला

मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि राज्य मुख्यालय में प्राप्त सूचना के अनुसार विधानसभा चुनाव-2022 में राज्य में अनुमानित मतदान प्रतिशत 75.6 प्रतिशत रहा है। उन्होंने कहा कि ईवीएम के माध्यम से मतदान प्रतिशत 74.6 प्रतिशत रहा है। इसके अलावा एक प्रतिशत पोस्टल बैलेट पहले ही प्राप्त हो चुके हैं, जिससे अब तक कुल मतदान 75.6 प्रतिशत हो गया है और लगभग दो प्रतिशत पोस्टल बैलेट प्राप्त होना बाकी हैं।

राज्य में मतदान के बाद दून विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 85.25 प्रतिशत मतदान और सबसे कम 62.53 प्रतिशत मतदान शिमला (शहरी) विधानसभा क्षेत्र में दर्ज किया गया है।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में राज्य निर्वाचन विभाग ने विधानसभा चुनाव-2017 में कम मतदान वाले निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान बढ़ाने पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है। राज्य निर्वाचन विभाग ने अपने अनूठे कार्यक्रम न्ज्ै।ट (यूनिवर्सल ट्रांसपेरेंट इलेक्शनज़ थ्रू सिस्टेमैटिक अवेयरनेस ऑफ वोटर्ज) के माध्यम से स्वीप और मतदाता जागरूकता गतिविधियां आयोजित कीं।

  विभाग ने विशेष रूप से राज्य के 11 विधानसभा क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जिनमें धर्मपुर, जयसिंहपुर, शिमला, बैजनाथ, भोरंज, सोलन, कसुम्पटी, सरकाघाट, जसवां-परागपुर, हमीरपुर और बड़सर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इन निर्वाचन क्षेत्रों के तुलनात्मक विश्लेषण से पता चला है कि उपरोक्त 11 विधानसभा क्षेत्रों में से नौ विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत में सात प्रतिशत तक का सुधार हुआ है।
धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदान में 6.93 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। इस क्षेत्र में विधानसभा चुनाव 2017 में 63.6 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2022 में 70.54 प्रतिशत मतदान हुआ है। इसी तरह जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2017 में 63.79 की तुलना में वर्तमान में 65.31 प्रतिशत, भोरंज में वर्ष 2017 में 65.04 प्रतिशत से बढ़कर वर्तमान विधानसभा चुनाव में 68.55 प्रतिशत मतदान हुआ है।

सोलन में 66.45 प्रतिशत से बढ़कर 66.84 प्रतिशत, बड़सर में 69.06 से बढ़कर 71.17 प्रतिशत, हमीरपुर में 68.52 से बढ़कर 71.28 प्रतिशत, जसवां-परागपुर में 68.41 से बढ़कर 73.67 प्रतिशत, सरकाघाट में वर्ष 2017 के 67.23 प्रतिशत मतदान की तुलना में वर्तमान में 68.06 प्रतिशत और कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में 2017 में 66.86 की तुलना में 68.24 प्रतिशत मतदान हुआ है।

हालांकि शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा चुनाव 2017 में 63.93 प्रतिशत मतदान के मुकाबले इस बार 62.53 प्रतिशत और बैजनाथ में वर्ष 2017 में 64.92 की तुलना में वर्ष 2022 में 63.46 प्रतिशत मतदान हुआ है। मतदान में हुई बढ़ोतरी पोस्टल बैलेट में अपेक्षित बढ़ोतरी के अतिरिक्त है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने राज्य में अपने दौरे के दौरान कम मतदान वाले विधानसभा क्षेत्रों में राज्य का मार्गदर्शन करते हुए विशेष ध्यान देने के लिए कहा था। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इसके लिए उनका आभार व्यक्त किया।
राज्य में कुल मतदाताओं में पुरुषों की संख्या 2788925, महिला मतदाताओं की संख्या 2736306 और थर्ड जेंडर के मतदाताओं की संख्या 38 है। इनमें से मतदान करने वाले पुरुषों का प्रतिशत 72.4 और महिलाओं का 76.8 प्रतिशत जबकि थर्ड जेंडर मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 68.4 प्रतिशत रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षकों, उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों और रिटर्निंग ऑफिसर की उपस्थिति में स्ट्रांग रूम त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के साथ सील कर दिए गए हैं और जांच पूरी कर ली गई है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सभी प्रवर्तन एजेंसियों, विशेष रूप से आयकर, राज्य कर एवं आबकारी और पुलिस विभाग के साथ-साथ व्यय निगरानी टीमों द्वारा प्रभावी प्रवर्तन के कारण प्रदेश में 14 अक्तूबर, 2022 को मतदान की घोषणा के बाद से मतदान के दिन तक लगभग 60 करोड़ रुपये की जब्ती की गई है जबकि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में लगभग 10 करोड़ रुपये की जब्ती की गई थी।
राज्य के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में 240 उड़नदस्ते तैनात किए गए थे। इसके अलावा रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ), जिला निर्वाचन अधिकारी और मुख्य निर्वाचन अधिकारी स्तर पर 242 स्थिर निगरानी दल, 75 सहायक व्यय पर्यवेक्षक, 166 वीडियो निगरानी दल, 72 वीडियो व्युइंग दल, 73 अकाउंटिंग दल, 53 शिकायत निगरानी नियंत्रण कक्ष और कॉल सेंटर स्थापित किए गए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी स्तर पर 13 मीडिया प्रमाणन और निगरानी समितियां और पेड न्यूज तथा मुख्य निर्वाचन अधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारी स्तर पर 13 व्यय निगरानी प्रकोष्ठों ने निरंतर 24 घंटे कार्य किया। उक्त व्यय निगरानी दलों में लगभग 3600 कर्मियों की तैनाती की गई थी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस अवधि के दौरान प्राप्त कुल 1779 शिकायतों में से 292 को जांच के बाद बंद कर दिया गया और 1308 शिकायतों में सुधारात्मक कार्रवाई कर अनुपालना की सूचना दी गई। सी-विजिल पर 1013 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 861 शिकायतों के संबंध में सुधारात्मक कार्रवाई की गई।

उन्होंने इस वृद्धि का श्रेय भारत निर्वाचन आयोग के इस अनूठे ऐप के बारे में निर्वाचन तंत्र द्वारा लाई गई जागरूकता को दिया और इन चुनावों के दौरान एमसीसी के बेहतर प्रवर्तन में मदद करने के लिए एप्लीकेशन पर उल्लंघना की सूचना देने के लिए राज्य के सतर्क नागरिकों का आभार व्यक्त किया।

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