एप्पल न्यूज़, शिमला
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सभी प्रवर्तन एजेंसियों, विशेष रूप से आयकर, राज्य कर एवं आबकारी और पुलिस विभाग के साथ.साथ व्यय निगरानी टीमों द्वारा प्रभावी प्रवर्तन के कारण प्रदेश में 14 अक्तूबर, 2022 को मतदान की घोषणा के बाद से मतदान के दिन तक लगभग 60 करोड़ रुपये की जब्ती की गई है जबकि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में लगभग 10 करोड़ रुपये की जब्ती की गई थी।
हिमाचल प्रदेश में भी इस अवधि में 50.28 करोड़ रुपये की बरामदगी हुई जो कि 2017 के 9.03 करोड़ की तुलना में पांच गुना से भी ज्यादा है।
आयकर विभाग की जांच शाखा, जो कि एक प्रमुख भागीदार प्रवर्तन एजेंसी है, ने हिमाचल प्रदेश और आसपास के राज्यों में स्थित पत्थर तोड़ने की 27 इकाइयों पर छापे डाले और वहां से काफी मात्रा में नकद रुपये बरामद किए।
इसके अलावा उन्होंने देसी शराब के निर्माताओं और विक्रेताओं पर भी छापे मारे और वहां से भी बेहिसाब धन बरामद किया। इसके अलावा यहां से खातों में गड़बड़ी के बहुत से सबूत बरामद किए।
पुलिस और आबकारी अधिकारियों तथा अन्य एजेंसियों ने भी शराब, ड्रग्स और मुफ्त वस्तुओं की बरामदगी के लिए विभिन्न स्थानों पर छापे मारे।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में धन-बल पर अंकुश लगाने और प्रभावी निगरानी के लिए चुनाव आयोग ने 23 व्यय पर्यवेक्षकों की भी तैनाती की है।
राज्य के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में 240 उड़नदस्ते तैनात किए गए थे। इसके अलावा रिटर्निंग ऑफिसर ;आरओ, जिला निर्वाचन अधिकारी और मुख्य निर्वाचन अधिकारी स्तर पर 242 स्थिर निगरानी दल, 75 सहायक व्यय पर्यवेक्षक, 166 वीडियो निगरानी दल, 72 वीडियो व्युइंग दल, 73 अकाउंटिंग दल,53 शिकायत निगरानी नियंत्रण कक्ष और कॉल सेंटर स्थापित किए गए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी स्तर पर 13 मीडिया प्रमाणन और निगरानी समितियां और पेड न्यूज तथा मुख्य निर्वाचन अधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारी स्तर पर 13 व्यय निगरानी प्रकोष्ठों ने निरंतर 24 घंटे कार्य किया। उक्त व्यय निगरानी दलों में लगभग 3600 कर्मियों की तैनाती की गई थी।