एप्पल न्यूज़, शिमला
हिमाचल भाजपा में बड़ा उलटफेर देखने को मिला। हिमाचल विधानसभा में करारी हार के बाद से ही संगठन में बदलाव के स्वर मुखर हो गए थे लेकिन अंदरूनी खींचतान चरम पर पहुंचते ही अब जेपी नड्डा ने एक साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और संगठन मंत्री को अपने पद से हटा दिया और नई नियुक्तियां कर दी।
भाजपा हाईकमान ने भाजपा के तेजतर्रार और संगठन का बड़ा तजुर्बा रखने वाले डॉ राजीव बिंदल को एक बार फिर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की कमान सौंप दी है।
वहीं बड़े लंबे समय से संगठन मंत्री के पद पर काबिज पवन राणा को भी आखिरकार हटा ही दिया और उनके स्थान पर सिद्धार्थन को प्रदेश संगठन मंत्री नियुक्त किया है।
सूत्र बताते है कि पहले विधानसभा चुनावों में गुट विशेष हावी रहा और टिकट आवंटन से लेकर पूरा चुनाव हाईजैक किया गया। यही नहीं हाईकमान को भी अंधेरे में रखा गया। टिकट एकतरफा दिए और जीती बाजी को हार गए।
हार भी उस राज्य में जहां डबल इंजन की सरकार थी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का अपना राज्य इसका असर भी देश भर में देखा जा रहा है। भाजपा का ग्राफ भी गिरा।
बताया जा रहा है अब एक बार फिर नगर निगम चुनावों में भी गुट विशेष हावी रहा और विधानसभा चुनावों में मिली हार से भी सबक नहीम सीखा और कई जिताऊ उम्मीदवारों के टिकट काट दिए।
बैनमोर वार्ड में सबसे ज्यादा काम करने वाली किमी सूद, इंजनघर वार्ड से आरती और कई अन्य दावेदारों को टिकट ही नहीं मिली तो बगावत शुरू हो गई। अंदर ही अंदर बात दिल्ली पहुंची। हाईकमान ने इसका कड़ा संज्ञान लिया और नतीजा संगठन में बड़े फेरबदल के साथ देखने को मिला।
डॉ बिंदल एक कदावर नेता हैं और बीती जयराम सरकार में मुख्यमंत्री के दावेदार थे लेकिन उन्हें साइड कर विधानसभा अध्यक्ष बना दिया। कुछ समय बाद ही उनका इस्तीफा हो गया और फिर उन्हें पार्टी अध्यक्ष बना दिया लेकिन कोविड काल में पीपीई किट और सेनेटाइजर घोटाले के आरोपों के बीच सरकार पर कार्रवाई के बजाय डॉ बिंदल का इस्तीफा लिया गया।
सूत्र बताते हैं कि इस सबके पीछे पार्टी की गुटबाजी ही थी जो एक दूसरे को पटखनी देने के चक्कर पार्टी की नींव हिला रहे थे।
उधर, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने इस्तीफे की अटकलों के बीच कहा कि उन्होंने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर आग्रह किया था कि उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है।
बहुत जल्द लोकसभा चुनाव भी है। अगर उनकी जगह किसी और को अध्यक्ष बनाया जाता है तो वह अपने क्षेत्र को अधिक समय दे सकेंगे। भारतीय जनता पार्टी में और भी काफी काबिल लोग हैं।



