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SDM सदर मंडी IAS ओमकांत ठाकुर पर खनन माफिया ने किया जानलेवा हमला, “दांत तोड़ा किए जख्मी”

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एप्पल न्यूज, मंडी

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में अवैध खनन रोकने गए एसडीएम सदर मंडी, आईएएस ओमकांत ठाकुर पर रेत माफिया द्वारा हमला किया जाना राज्य में प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा और अवैध खनन के बढ़ते प्रभाव पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था की स्थिति को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि रेत माफिया किस हद तक प्रभावी हो चुका है।

घटना का विस्तृत विश्लेषण

एसडीएम ओमकांत ठाकुर पिछले कुछ समय से मंडी क्षेत्र में अवैध खनन के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे थे। दो दिन पहले ही उन्होंने पंडोह के पास ब्यास नदी में अवैध खनन करने वालों पर जुर्माना लगाया था।

इसी सिलसिले में सोमवार शाम वे मंडी शहर के पास ब्यास नदी में चल रही अवैध गतिविधियों की जांच करने पहुंचे थे। जब उन्होंने कुछ लोगों को अवैध रूप से रेत निकालते देखा और उनसे पूछताछ करने की कोशिश की, तो उन पर हमला कर दिया गया।

हमले में एसडीएम के साथ मारपीट की गई, जिससे उनका एक दांत टूट गया और शरीर के अन्य हिस्सों में भी चोटें आईं। खास बात यह रही कि जब उन पर हमला हुआ, उस समय उनके साथ कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था।

हालांकि, उन्होंने पहले ही पुलिस को सूचना दे दी थी, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही यह घटना घटित हो गई। हमलावर मौके से फरार हो गए, हालांकि पुलिस ने एक व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।

अवैध खनन का बढ़ता दायरा और प्रशासन की चुनौतियाँ

मंडी जिले में ब्यास नदी के किनारे अवैध खनन कोई नई बात नहीं है। कई जगहों पर बड़ी मशीनों का इस्तेमाल करके रेत निकाली जाती है, जबकि कुछ स्थानों पर मजदूरों द्वारा खच्चरों और घोड़ों की सहायता से यह काम किया जाता है।

इस रेत को फिर अलग-अलग स्थानों पर इकट्ठा कर ऊंची कीमतों पर बेचा जाता है। प्रशासन की सख्ती के बावजूद यह अवैध गतिविधि धड़ल्ले से जारी है।

माइनिंग विभाग ने भले ही ब्यास नदी में अवैध खनन पर प्रतिबंध लगाया हो, लेकिन इसे प्रभावी रूप से लागू नहीं किया जा सका है। यही वजह है कि खनन माफिया बेखौफ होकर अपने काम में लगे रहते हैं और प्रशासनिक हस्तक्षेप को भी बर्दाश्त नहीं करते।

समस्या का समाधान और आवश्यक कदम

  1. अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना: इस घटना से स्पष्ट है कि प्रशासनिक अधिकारियों को अवैध खनन जैसी गतिविधियों पर कार्रवाई के दौरान पुलिस बल के साथ जाना चाहिए।
  2. सख्त कानून लागू करना: अवैध खनन में संलिप्त पाए जाने वालों पर कठोर दंड लगाए जाने चाहिए ताकि यह गतिविधि रुके।
  3. तकनीकी निगरानी: ड्रोन और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर खनन गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है।
  4. स्थानीय समुदाय की भागीदारी: स्थानीय लोगों को इस समस्या के प्रति जागरूक कर मुखबिर तंत्र को मजबूत किया जा सकता है।
  5. तेजी से न्यायिक कार्रवाई: खनन माफिया के खिलाफ दर्ज मामलों की त्वरित सुनवाई और दोषियों को सजा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।

इस घटना के बाद प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि अवैध खनन माफिया पर नकेल कसी जा सके और अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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