एप्पल न्यूज़, शिमला
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जिला मण्डी के नागचला में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित प्रक्रिया आरम्भ कर दी है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने उक्त परियोजना के लिए हिमाचल प्रदेश भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार (सामाजिक समाघात निर्धारण एवं सहमति) नियम, 2015 के नियम 3 के अन्तर्गत 4 अक्तूबर को अधिसूचना जारी कर दी है। इस हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 2868 बीघा से अधिक सरकारी एवं निजी भूमि का अधिग्रहण किया जाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित हवाई अड्डे के निर्माण से प्रदेश में पर्यटन सुविधाओं का विस्तार होगा। इस हवाई अड्डे के निर्माण से जहां प्रदेश में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटकों का आवागमन होगा वहीं यह प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति क्षेत्र में पर्यटन विस्तार के लिए लाभदायक साबित होगा। उन्होंने कहा कि चीन के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा व लेह-लद्दाख से नजदीकी के कारण यह हवाई अड्डा सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि सोशल इम्पेक्ट असेसमेन्ट (सामाजिक समाघात निर्धारण) की यह प्रक्रिया हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान, फेयरलॉन, शिमला के माध्यम से 6 माह के भीतर पूर्ण कर ली जाएगी। इस प्रक्रिया में प्रभावित परिवारों की आजीविका, सार्वजनिक और सामुदायिक परिसम्पतियों, औस्तियों तथा अवसंरचना विशेष तौर पर सड़कों, सार्वजनिक परिवहन, जल निकासी, स्वच्छता, पेयजल स्रोत, पशुओं के लिए जल स्रोत, सामुदायिक जलाशय, चरागाह, बागान, सार्वजनक उपयोगिता जैसे डाकघर, उचित मूल्य की दुकानों, अन्य भण्डारण गोदामों, विद्युत आपूर्ति, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं, शैक्षणिक या प्रशिक्षण सुविधाओं, आगंनबाड़ी, चिल्ड्रन पार्क, पूजा स्थलों, परम्परागत जनजातीय संस्थानों के भूमि और दाह संस्कार स्थल पर होने वाले सम्भावय समाघात का विचार करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस हवाई अड्डे के निर्माण के लिए भारतीय विमान प्राधिकरण के साथ 25 अप्रैल 2022 को समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया था। इसके तहत इस हवाई अड्डे के निर्माण के लिए एक साझा उद्यम समझौता के गठन की प्रक्रिया भी आरम्भ कर दी गई है जो कि जल्द ही पूरी कर दी जाएगी।
हवाई अड्डे के निर्माण के लिए केन्द्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रम डब्ल्यूएपीसीओएस के माध्यम से प्रारूप डीपीआर तैयार कर दी गई है जिसे भारतीय विमान प्राधिकरण को स्वीकृति के लिए भेजा गया है। प्राधिकरण ने इस हवाई अड्डे की साइट क्लीयरेंस जारी कर दी है।