कानून क्या खाक करेगा मेरे यार, जब सियासत ही मरवा रही है सिपाही वफादार, जो उनकी इमानदारी के कसीदे पड़ती है फिर वो इमानदारी उन पर ही भारी पड़ती है, अपनी जांबाजी से गर वो मुजरिम पकड़ लाये , कमबख़्त सियासत उन्हें छुड़ा ले जाये, साज़िशों का पर्दा जब-जब उसने […]