एप्पल न्यूज, सीआर शर्मा निरमंड

बता दें कि 29 जून को निर्मण्ड के दशनामी जूना अखाड़ा से अम्बिका माता और दत्तात्रेय स्वामी की 28वीं छड़ी यात्रा रवाना हुई।
श्रीखंड महादेव के दर्शनों के लिए रवाना हुई इस छड़ी यात्रा में देश के विभिन्न अखाड़ों के दर्जनों साधु संतों ने भाग ले रहे हैं।

छड़ी यात्रा समिति के अध्यक्ष टकेश्वर शर्मा ने बताया कि छड़ी यात्रा ने सोमवार को गुरु पूर्णिमा के दिन श्रीखंड महादेव के दर्शन किए और पूजा अर्चना के बाद वापिस लौटी।
छड़ी यात्रा 8 जुलाई की शाम को वापिस जूना अखाड़ा निरमंड पहुंच जाएगी. इसके पश्चात 9 जुलाई को जूना अखाड़ा निरमंड में छड़ी यात्रा के स्वागत में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

गौर हो कि उतरी भारत की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में शुमार श्रीखंड महादेव यात्रा जहां यात्रियों को रोमांच से भर देती है।
वहीं श्रीखंड महादेव के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को बेहद मुश्किल और जोखिम भरी 32 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चलनी पड़ती है। इस वर्ष से श्रीखंड महादेव यात्रा 7 जुलाई से 21 जुलाई तक प्रशासन की देखरेख में होगी।

18,570 फीट ऊंचाई पर श्रीखंड महादेव तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 32 किलोमीटर का पैदल सफर करना पड़ता है।
श्रद्धालुओं को संकरे रास्तों में कई बर्फ के ग्लेशियरों को भी पार करना होता है। वहीं ऊंचाई वाले कई ऐसे स्थल हैं, जहां ऑक्सीजन की कमी का श्रद्धालुओं को सामना करना पड़ता है।

पार्वती बाग से आगे कुछ ऐसे क्षेत्र पड़ते हैं, जहां कुछ श्रद्धालुओं को ऑक्सीजन की कमी के चलते भारी दिक्कतें पेश आती हैं।
यदि ऐसी स्थिति में ऐसे श्रद्धालुओं को समय रहते उपचार या वापस नीचे नहीं उतारा जाता है तो श्रद्धालुओं के लिए खतरा बन जाता है।






