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हिमाचल पुलिस दुर्घटनाओं में 13% और मृत्यु दर में 14% कमी लाने में सफल, सड़क सुरक्षा कार्यक्रम में कांगडा और मंडी भी

एप्पल न्यूज, शिमला

हिमाचल प्रदेश पुलिस लगातार राज्य में सड़क सुरक्षा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।कड़े प्रयासों के कारण, पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2023 के दौरान सड़क यातायात दुर्घटनाओं, मृत्यु और चोटों में काफी कमी देखी गई है।

वर्ष 2022 में 2597 दुर्घटनाओं, 1032 मौतों और 4063 चोटों की तुलना में 2023 में कुल 2255 दुर्घटनाएँ, 882 मौतें और 3542 चोटें दर्ज की गईं।

समय से पहले लिए गए निर्णय के रूप में, राज्य सरकार ने किरतपुर-मनाली फोर लेन राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए 3 यातायात सह पर्यटक पुलिस स्टेशन को मंजूरी दे दी है, और हिमाचल पुलिस मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू की आभारी है जिन्होंने जिला बिलासपुर, मण्डी और कुल्लू में एक-एक यातायात सह पर्यटक पुलिस स्टेशन खोलने की मंजूरी दी है।

राज्य के मुख्य सड़क नेटवर्क पर यातायात प्रवाह और सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए, विश्व बैंक ने (एचपीआरआईडीसीएल) एच पी पी डब्ल्यू डी के साथ हिमाचल प्रदेश राज्य सड़क परिवर्तन परियोजना के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ 82 मिलियन डॉलर के वित्त पोषण समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

एच पी पीडब्ल्यूडी मंत्री के मार्गदर्शन/पर्यवेक्षण में, मोबाइल पेट्रोलिंग वाहन, इंटरसेप्टर, रिकवरीवाहन, प्रवर्तन गैजेट की खरीद, सड़क सुरक्षा प्रवर्तन कमांड और नियंत्रण केंद्र की स्थापना, यातायात विंग का पुनर्गठन और सड़क दुर्घटना में पुलिस की क्षमता निर्माण जांच एवं बचाव आदि कार्य किये जा रहे हैं।

वर्तमान में सड़क सुरक्षा प्रवर्तन और आपातकालीन प्रतिक्रिया उपकरणों की खरीद 2 पायलट जिलों यानी शिमला और पुलिस जिला नूरपुर के लिए की जा रही है। इन जिलों के लिए 6 इंटरसेप्टर वाहन, 25 मोटरसाइकिल, 17 गश्ती वाहन, 6 रिकवरी वाहन, 120 एआई कैमरे आदि खरीदे जा रहे हैं।

इस परियोजना के अगले चरण में दो और जिले यानी कांगड़ा और मंडी शामिल होंगे, इसके बाद चारअन्य प्रभावित जिले कुल्लू, सिरमौर, सोलनऔर ऊना शामिल होंगे।

पिछले वर्ष के दौरान हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा विभिन्न सड़क सुरक्षा उपाय अपनाए गए हैं जैसे सड़क दुर्घटना डेटा बेस का महत्वपूर्ण विश्लेषण, प्रवर्तन में प्रौद्योगिकी का उपयोग, यातायात की निगरानी और विनियमन के लिए नवीनतम उपकरणों की खरीद, दुर्घटना-संभावित ब्लैक स्पॉट/स्ट्रेच की पहचान और सुधार, क्रैश बैरियर्स का निर्माण और समुदाय और सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता पैदा करने का कार्य किये जा रहे हैं।
44 इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के माध्यम से बिना हेलमेट, ओवरस्पीडिंग, वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग, बिना सीटबेल्टऔर ट्रिपल राइडिंग के तहत , उल्लंघनकर्ताओं के चालान किया जा रहा है।

कीरतपुर-मनाली फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग सहित राज्य की सड़कों पर 18 औरआईटीएमएस स्थापित किए जा रहे हैं।जिला पुलिस को वैज्ञानिक गैजेटयानी एल्कोसेंसर, लेजर स्पीड रडार, बॉडीवॉर्न कैमरे, मोबाइल हैंडसेट और ई-चालानिंग के लिए एकीकृत हैंडहेल्ड टर्मिनल प्रदान किए गएहैं।

शराब पी कर गाड़ी चलाने, तेजगति से गाड़ी चलाने और गाड़ी चलात समय मोबाइल फोन के इस्तेमाल जैसे उल्लंघनों के लिए उल्लंघनकर्ताओं के ड्राइविंग लाइसेंस को निलंबन के लिए आरएलए को भेजा जा रहा है।

परिवहन मंत्री ने हिमाचल पुलिस को वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान सड़क सुरक्षा निधि से 7.34 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और जिसे इलेक्ट्रिक इंटर सेप्टर वाहन, वाहन सक्रिय गति संकेत, लेजर स्पीडगन, एल्कोसेंसर, आईटीएमएस और अन्य यातायात उपकरण की खरीद के लिए खर्च किया जा रहा है।

इन विभिन्न सड़क सुरक्षा पहलों के कारण, हम वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 के दौरान राज्य में दुर्घटनाओं में 13%, मृत्यु दर में 14% और चोटों में 12% की कमी लाने में सफल रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश पुलिस सड़क यातायात दुर्घटनाओं को कम करने और सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित सड़क प्रदान के लिए प्रतिबद्ध है। हिमाचल प्रदेश पुलिस जनता से सभी की सुरक्षा के लिए यातायात नियमों का पालन करने का आग्रह करती है।

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